Krishan Janama Bhajan Lyrics

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कृष्ण भजन

Krishan Janama Bhajan Lyrics

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

यमुना भी धन्य हुई,छूके चरण को

लेके वासुदेव चले,प्यारे ललन को

वो दिए कान्हा को ब्रज पहुंचाए

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

धन्य हुई ये ब्रजभूमि सारी

त्रिलोकी नाथ जन्मे कृष्णमुरारी

ओ सारी नगरी है आज हरषाई

गोकुल में देखो बाजे बधाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

अन्न धन लुटावे बाबा,पायल और छल्ला

लड्डूवा बटें और पेड़ा,बर्फी रसगुल्ला

मैया तो फूली ना समाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

दाऊ लुटावे सोना,चांदी और जेवर

छाया आनंद आज,खुशियां है घर घर

वो देख देख हसते है कन्हाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

आज जन्मे है कृष्ण कन्हैया

मथुरा में देखो बाजे शहनाई

बाजे शहनाई सब दे दो बधाई

Mukunda Madhava Govinda Bol

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

राम  राम  बोल , राम  राम  बोल

शिव  शिव  बोल , शिव  शिव  बोल

नारायण  बोल  नारायण  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

राम  राम  बोल , राम  राम  बोल

शिव  शिव  बोल , शिव  शिव  बोल

नारायण  बोल  नारायण  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

राम  राम  बोल , राम  राम  बोल

शिव  शिव  बोल , शिव  शिव  बोल

नारायण  बोल  नारायण  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

राम  राम  बोल , राम  राम  बोल

शिव  शिव  बोल , शिव  शिव  बोल

नारायण  बोल  नारायण  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

मुकुंदा  माधव  गोविंदा  बोल

केशव  माधव  हरी  हरी  बोल

हरी  हरी  बोल , हरी  हरी  बोल

Dil Luta Baithi Sanwre 

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

अपना तन मन मैं तुझपे लुटा बैठी।

अब तो चरणों से अपने लगा लो मुझे,

मैं तो नैनो में कबसे बसा बैठी,

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा ।

जबसे देखा तुझे कुछ भी भाता नहीं,

एक तेरे सिवा कुछ सुहाता नहीं।

अब तलाक तो ये जग से लगी दिल्लगी,

अपने दिलबर से दिल ये लगा बैठी।

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

अपना तन मन मैं तुझपे लुटा बैठी।

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

अपना माना तुझे छोड़ जाना नहीं।

तेरे बिन एक पल भी बिताना नहीं।

मेरी साँसों में बस एक तेरा नाम है,

अपनी धड़कन में तुझको रमा बैठी,

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

अपना तन मन मैं तुझपे लुटा बैठी,

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

साथ तेरा मिला कुछ रही ना कमी,

मेरे दिन रात रहती होंठो पे हंसी,

ऐ रघुवीर गम से घिरी ज़िन्दगी।

मैंने श्यामा भजस से सजा बैठी,

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

अपना तन मन मैं तुझपे लुटा बैठी,

तेरे दर पे आके सांवरे कान्हा

कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना 

कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना

ये नाता टूटे ना क्यों हमसे रूठे ना

तेरे बिना ये गोकुल सुना

 तेरे बिना भी क्या जीना

बचपन से तूने प्रीत लगायी

प्रीत लगाके कान्हा क्यों बिसराई

क्यों हम से रूठे ना क्यों हम से बोले ना

तेरे बिना ये गोकुल सुना

 तेरे बिना भी क्या जीना

ग्वाल पुकारे गौये निहारे

जमुना तट पे रस्ता निहारे

गोकुल की गलियों में मधुबन की गलियों में

तेरे बिना ये गोकुल सुना

 तेरे बिना भी क्या जीना

कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना

ये नाता टूटे ना क्यों हमसे रूठे ना

तेरे बिना ये गोकुल सुना

कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना

 श्यामा आन बसों व्रंदावन में 

श्यामा आन बसों व्रंदावन में

मेरी उमर बीत गई गोकुल में

श्यामा आन बसों व्रंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

श्यामा रसते में बाग लगा जाना

फुल बीनूंगी तेरी माला के लिये

तेरी बाट नीहारु कुँजन में

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

श्यामा रसते में कुआँ खुदवा जाना

मै तो नीर भरुँगि तेरे लिये

मै तुझे नहलाउँगि मलमल के

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

श्यामा मुरली मधुर सुना जाना

मोहे आके दरश दिखा जाना

तेरी सुरत बसी है अखीयन में

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

श्यामा व्रँदावन में आ जाना

आ करके रास रचा जाना

सुनी गोकुल की गलियों में

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

श्यामा माखन चुराने आ जाना

आकर के दही बिखरा जाना

बस आप रहो मेरे मन में

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

श्यामा आन बसों व्रंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।

 कृष्णा सुदामा भजन 

 

दोहा

मेरी कागज़ की कश्ती कान्हा

तुम इसको पार लगाओ

हार के आया द्वार पे तेरे

आकर गले से लगाओ।

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  सांवरे

कर दो कृपा की

कर दो कृपा की नजर सांवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  साँवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  सांवरे।

रहूं गरीब या बनु सेठ ये, कभी चाहूँ दाता

दुआ करूँ की टूट ना पाए

मेरा तुम्हारा नाता, दुआए करेंगी

दुआए करेंगी असर सांवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार साँवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार सांवरे।

निर्धन जान मुझको मोहन

तू बिसरा ना देना

हार गया मैं इस दुनिया से

क्या क्या पड़ा है सहना

मुझे ले लो अपनी

मुझे ले लो अपनी शरण सांवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  साँवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  सांवरे।

भूख प्यास से है अपनी,बडी पुरानी यारी

कैसे भोग लगाउं तुझको

सूझे नही मुरारी,मात आजमा तू मेरा

मात आजमा तू मेरा सब्र सांवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  साँवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार सांवरे।।

तुझपे भरोसा करके मोहन,जो तेरे द्वार आते,

दीनदयाल तू जाने मन की

बिन मांगे सब पाते, तेरे ‘पाल’ की भी ले ले

तेरे ‘पाल’ की भी लेले खबर सांवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  साँवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  सांवरे।

सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे

कर दो कृपा की

कर दो कृपा की नजर सांवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  साँवरे

सुदामा खड़ा तेरे द्वार  सांवरे।

 सँवारे जब से देखा है तुझको लिरिक्स

सँवारे जब से देखा है तुझको

आधी पागल सी मैं हो गई हु,

तेरी नजरो की मीठी छुरी से

प्यारे घ्याल सी मैं हो गई हु,

सँवारे जब से देखा है तुझको

आधी पागल सी मैं हो गई हु

वनवारी सी अब मैं घूमती

सब से तेरा पता पूछती हु,

ढूंढ ते ढूंढ ते तुझको कान्हा

ऐसा लगता है मैं खो गई हु,

सँवारे जबसे देखा है

मोटे नैनो से जादू चलाया रोग

अच्छी भली को लगाया,

तेरी जब से ये बंसी सुनी है

ना तो जगती हु न तो सो रही हु,

सँवारे जब से देखा है

ना दवाई कोई काम आये ना

दुआ ही असर कुछ दिखाये,

तेरी यादो में जल जल कर अब

तो काली काजल सी मैं हो गई हु,

सँवारे जब से देखा है

सँवारे तू क्यों इतना सताये

इस दीवानी पे क्यों झुलम ढाये,

जिस के घुंगरू ही भिखरे पड़े हो

ऐसी पागल सी मैं हो गई हु,

सँवारे जब से देखा है

Sanware Jab Se Dekha Hai Tujhko

Sanware Jab Se Dekha Hai Tujhko

aadhee paagal see main ho gaee hu,

teree najaro kee meethee chhuree se

pyaare ghyaal see main ho gaee hu,

Sanware Jab Se Dekha Hai Tujhko aadhee

paagal see main ho gaee hu

vanavaaree see ab main ghoomatee

sab se tera pata poochhatee hu,

dhoondh te dhoondh te tujhako kaanha

aisa lagata hai main kho gaee hu,

Sanware Jab Se, Dekha Hai Tujhko aadhee

paagal see main ho gaee hu

mote naino se jaadoo chalaaya

rog achchhee bhalee ko lagaaya,

teree jab se ye bansee sunee hai

na to jagatee hu na to so rahee hu,

Sanware Jab Se Dekha

na davaee koee kaam aaye na

dua hee asar kuchh dikhaaye,

teree yaado mein jal jal kar ab to

kaalee kaajal see main ho gaee hu,

Sanware Jab Se

sanvaare too kyon itana sataaye is

deevaanee pe kyon jhulam dhaaye,

jis ke ghungaroo hee bhikhare pade ho

aisee paagal see main ho gaee hu,

Sanware Jab Se

Tune Itna Diya Mere Sanware 

तूने इतना दिया मेरे सांवरे

अब होता है गुजारा बड़े आराम से

अब होता है गुजारा बड़े आराम से।

इतनी जल्दी बदलने लगे दिन मेरे

मुझको मालूम है काम सब ये तेरे

तेरा अहसान है  मेरे सांवरे

अब होता है गुजारा बड़े आराम से

अब होता है गुजारा बड़े आराम से।

पहले दुखड़ो से जीवन परेशान था

अपनी तक़दीर पर खुद मैं हैरान था

तूने ऐसी कृपा मुझपे की सांवरे,

अब होता है गुजारा बड़े आराम से

अब होता है गुजारा बड़े आराम से।

अब तो जीने का मुझको मजा आ रहा

जबसे किरपा ‘पवन’ श्याम की पा रहा

मौज में है मेरी जिंदगी सांवरे

अब होता है गुजारा बड़े आराम से

अब होता है गुजारा बड़े आराम से।

तूने इतना दिया  मेरे सांवरे

अब होता है गुजारा बड़े आराम से

अब होता है गुजारा बड़े आराम से।

साँवरे सलोने तेरे नैन कजरारे 

 साँवरे सलोने तेरे नैन कजरारे

इनमें ना जाने कहीं खो गया है मेरा दिल

मोर मुकुट माथे पर जैसे

चमके चाँद सितारे जबसे निहारा तेरा

हो गया है मेरा दिल।

मुख पे चन्दन महक रहा है

अधर पे मुरली सोहे

रूप तुम्हारा ओ सांवरिया

भक्तो का मन मोहे

मोरछड़ी हाथों में तुमने

सबके काज सँवारे नज़र लगे ना बाबा

गाल पे लगा दो काला तिल

सांवले सलोने तेरे नैन कजरारे

इनमें ना जाने कहीं

खो गया है मेरा दिल।

किस बगियाँ से फूल मँगाए

सबके मन को भाए

कजरो पर है इत्तर छिड़का

मंदिर को महकाए

चंवर ढुलाए सेवक प्यारे

सुन्दर लगे नज़ारे

तेरा प्यार पाकर लगता

मिल गई मुझे मंज़िल।

सांवले सलोने तेरे नैन कजरारे

इनमें ना जाने कहीं

खो गया है मेरा दिल।

माथे ऊपर छत्र छाया

कान में कुण्डल साजे

श्याम नाम का डंका गूंजे

घर घर श्याम विराजे

नाम रटें ‘अविनाश’ तुम्हारा

जबतक चलें ये साँसे

‘सोनी’ जब शरण में आया

मिल ही गया साहिल।

सांवले सलोने तेरे नैन कजरारे

इनमें ना जाने कहीं

खो गया है मेरा दिल।

साँवरे सलोने तेरे नैन कजरारे

इनमें ना जाने कहीं

खो गया है मेरा दिल

मोर मुकुट माथे पर जैसे

चमके चाँद सितारे

जबसे निहारा तेरा

हो गया है मेरा दिल।

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