Baba Balak nath Aarti
आरती श्री बाबा बालक नाथ
ॐ जय कलाधारी हरे
स्वामी जय पौणाहारी हरे
भक्त जनों की नैया
दस जनों की नैया भव से पार करे
ॐ जय कलाधारी हरे
बालक उमर सुहानी
नाम बालक नाथा
अमर हुए शंकर से
सुन के अमर गाथा
ॐ जय कलाधारी हरे
शीश पे बाल सुनैहरी
गले रुद्राक्षी माला
हाथ में झोली चिमटा
आसन मृगशाला
ॐ जय कलाधारी हरे
सुंदर सेली सिंगी,
वैरागन सोहे
गऊ पालक रखवालक
भगतन मन मोहे
ॐ जय कलाधारी हरे
अंग भभूत रमाई
मूर्ति प्रभु रंगी
भय भज्जन दुःख नाशक,
भरथरी के संगी
ॐ जय कलाधारी हरे
रोट चढ़त रविवार को,
फल, फूल मिश्री मेवा
धुप दीप कुदनुं से
आनंद सिद्ध देवा
ॐ जय कलाधारी हरे
भक्तन हित अवतार लियो,
प्रभु देख के कल्लू काला
दुष्ट दमन शत्रुहन ,
सबके प्रतिपाला
ॐ जय कलाधारी हरे
श्री बालक नाथ जी की आरती,
जो कोई नित गावे
कहते है सेवक तेरे,
मन वाच्छित फल पावे
ॐ जय कलाधारी हरे
ॐ जय कलाधारी हरे
स्वामी जय पौणाहारी हरे
भक्त जनों की नैया
दस जनों की नैया भव से पार करे
ॐ जय कलाधारी हरे ।