कार्तिक मास भजन लिरिक्स Hari Aise Baso Mere Mn Mein

Hari Aise Baso Mere Mn Mein Lyrics 

 हरी ऐसे बसों मेरे मन में 

 हरी ऐसे बसों मेरे मन में 

जैसे तुलसी बसी आँगन में 

हरी ऐसे बसों मेरे मन में 

जैसे तुलसी बसी आँगन में 


जैसे फूलों में खुशबु है रहती

वो हमको नज़र नहीं आती 

ऐसी खुशबु फैला दो मेरे मन में

कोई देखे न तुमको हम में


हरी ऐसे बसों मेरे मन मे 

जैसे तुलसी बसी आँगन में

हरी ऐसे बसों मेरे मन मे 

जैसे तुलसी बसी आँगन में

ओ जैसे तुलसी बसी आँगन में


जैसे मेहँदी में रंग है रहता 

वो किसी को नज़र नहीं आता

ऐसा रंग तो लगा दो मेरे मन में

कोई देखे न तुमको हम में 


जैसे मिश्री में मीठा है रहता 

वो किसी को नज़र नहीं आता 

ऐसा मीठा बना दो मेरे मन को

कोई देखे न तुमको हम में 


हरी ऐसे बसों मेरे मन मे 

जैसे तुलसी बसी आँगन में

हरी ऐसे बसों मेरे मन मे 

जैसे तुलसी बसी आँगन में

ओ जैसे तुलसी बसी आँगन में


जैसे सागर में पानी है गहरा 

वो किसी को नज़र नहीं आता 

ऐसा गहरा बना दो मेरे मन को 

कोई देखे न तुमको हम में


हरी ऐसे बसों मेरे मन में 

जैसे तुलसी बसी आँगन में 

हरी ऐसे बसों मेरे मन में 

जैसे तुलसी बसी आँगन में

ओ जैसे तुलसी बसी आँगन में

Kartik Mas Bhajan Video


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