महाशिवरात्रि का पूजन विधि Mahashivratri pujan vidhi

महाशिवरात्रि का पूजन घर में किस प्रकार किया जाये , ताकि सुख शांति और समृद्धि में बृद्धि हो | यु तो भगवन शिव की उपासना की कई विधिया प्रचलित है जिनका पालन करना| हर एक जनमानस के बस की बात नहीं |भगवान शिव को भोले नाथ भी कहते है क्यों के ये भोले भाले लोगो के नाथ है


अर्थात रक्षक है | इस लिए भगवन शिव की उपासना आडम्बर से रहित , सादगी और पवित्रता से करनी चाहिए |
भगवान शिव का दूसरा नाम त्रिलोकी नाथ भी है |,भगत कहते है के भगवान शिव कण कण में समाये हुए है |आज तक कोई भगत भगवान शिव के दरवार से खाली नहीं गया |  स्वीधी रुद्राभिषेक करने से समस्त सांसारिक दुखो का नाश होता हैं .



किसी भी सोमबार से भगवान शिव की उपासना शुरू की जा सकती है | लेकिन सावन के महीने में भगवान शिव विशेष कृपा करते है |

इस लिए सावन के महीने भगवान शिव की उपासना जरूर करनी चाहिए | सावन के महीने 16 सोमबार व्रत करने से भगवान शिव की कृपा पात्र बना जा सकता है |

महाशिवरात्रि में भगवान शिव की उपासना करने से भगवान शिव जी की विशेष कृपा मिलती है |मानसिक , दैहिक और भौतिक सभी प्रकार की परेशानिओं से छुटकारा मिलता है| सिर्फ एक दिन महाशिवरात्रि को त्रिलोकी नाथ की उपासना करने से|समस्त दुखो का नाश होता है |

महाशिवरात्रि में भगवान शिव का पूजन कैसे करे - शिव पुराण में शिव जी की उपासना के कई वर्णन मिलते है |जिनमे से कुछ बहुत जटिल भी है लेकिन भगवान शिव जी मानस पूजा से जल्दी प्रसन होते है |

अर्थात जो पूजा मन से की जाये|,इस लिए महाशिवरात्रि को मानस पूजा का विशेष महत्व है |

ये जरुरी नहीं के आप बहुत बड़े बड़े मन्त्र जाप करो| तभी शिव जी प्रसन होंगे | ईश्वर तो मन की बात समझते है चाहे वो किसी भी भाषा में हो |

कैसे करे मानस पूजा - सबसे पहले महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि से पवित्र होकर| भगवान शिव जी के बीज मंतर "ॐ नमः शिवाये"का का जाप कम से कम 51 माला करे |

जिस जगह पर बैठ कर जाप करे वहाँ साफ सफाई और साफ़ सुथरा आसान जरूर लगाए | जाप बंद आँखों से और आज्ञा चक्क्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए करे |

जाप पूरा होने के बाद किसी समीप के मंदिर जहाँ शिव भगवन की पिंडी रूप में स्थापना की गयी हो |अर्थात शिव लिंग की स्थापना की गयी हो वहाँ जाकर | 

गंगा जल , बिल पत्र ,भांग के पंच पत्र , अक्षत चावल ,मिश्री गाये का कच्चा दूध युक्त शुद्ध जल से भगवान शिव को स्नान कराये ,और अपने सोभाग्ये की कामना करे |

इसके बाद पूरा दिन मन ही मन भगवान शिव का सुमिरन करते रहे रात को सूर्ये असत होने से 51 माला बीज मन्त्र का जाप जरूर करे |

निषेध ---> महाशिवरात्रि के पर्व में किसी प्रकार का नशा ना करे ,चाहे वो भांग ही क्यों न हो, जुआ न खेले | 

किसी प्राणी को शारीरक और मानसिक कष्ट न दे | गरीब और दुखी लोगो के सहायता करे


आखिर में यही कहना चाहूंगा के अगर आपको ये कथा प्रेरणादायक लगे तो आर्टिकल के निचे जो शेयर का लिंक हैं उस पर क्लिक कर के आप whatsapp पर भी share  कर सकते हैं ,हर हर महादेव   .
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