Shabari Ke Khul Gay Bhag
शबरी के खुल गए भाग
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी की कुटिया में
गंगा और जमुना।
शबरी की कुटिया में
गंगा और जमुना।
स्नान करेंगे श्री राम,
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी की कुटिया में
गंगा और जमुना।
शबरी की कुटिया में चंदन का पेड़ है।
शबरी की कुटिया में चंदन का पेड़ है।
राम टीका लगाए सुबह शाम,
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी की कुटिया में तुलसी का पेड़ है।
शबरी की कुटिया में तुलसी का पेड़ है।
राम पूजा करेंगे सुबह शाम,
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
चख चख बैर सबरी राम जी को दिए हैं।
चख चख बैर सबरी राम जी को दिए हैं।
बैर झूठे खाएंगे श्रीराम,
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
दो बैर शबरी ने लक्ष्मण को दिए हैं।
दो बैर शबरी ने लक्ष्मण को दिए हैं।
लक्ष्मण ने पीछे फेंके बेर,
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
लक्ष्मण को जब शक्ति लगी थी।
लक्ष्मण को जब शक्ति लगी थी।
संजीवन बन गए बैर
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।
शबरी के खुल गए भाग
कुटिया में राम आ गए।