Sukhkarta Dukhharta Lyrics in Hindi भगवान गणेश का पॉपुअर भजन है. Sukh Karta Dukha Harta arti इस भजन को सुनने से विघ्नो का नाश होता है.
सुखकर्ता दुखहर्ता अर्थ सहित
सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जो भगवान हमे सुख देते है और दुखो का नाश करते है,
हमें सभी मुश्किलों से मुक्त करते है,
आशीर्वाद के रूप में हर जगह अपना प्यार फैलाते है
जिनके शरीर पर सुन्दर लाल-नारंगी रंग है,
गले मैं अति-सुन्दर मोतियों की माला पहनी हुई है
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
जय देव जय देव, हे शुभ करने करने वाले
गणेश जी के दर्शन मात्र से ही
हमारी सारी इच्छाओ की पूर्ति हो जायेगी
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
हे गौरी पुत्र, ये रत्नों से जड़ित मुकुट आपके लिए है
आपके शारीर पर चन्दन का लेप लगा हुआ है और
मस्तक पर पर लाल रंग का तिलक लगा हुआ है
हीरो से जड़ित सुन्दर सा मुकुट है और आपके आपके
चरणों के पास मैं पायल की ध्वनि बहुत अच्छी लग रही है
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
जय देव जय देव, हे शुभ करने करने वाले
गणेश जी के दर्शन मात्र से ही
हमारी सारी इच्छाओ की पूर्ति हो जायेगी
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
भगवान आपका बड़ा पेट है और आपने पीली धोती पहनी हुई है
आपके सरल और मुड़ी हुई सूंड है और आपके तीन आँखे है
लेखक रामदास कहते है की मैं आपकी साधना मैं ये लिख रहा हु,
मुश्किल के समय मैं हमारी रक्षा और सहायता करना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
जय देव जय देव, हे शुभ करने करने वाले
गणेश जी के दर्शन मात्र से ही
हमारी सारी इच्छाओ की पूर्ति हो जायेगी
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
गज के मुख वाले भगवान को
लाल सिन्दूर चढ़ाया हुआ है
गोरी पुत्र को लाल कपडा लपेटा हुआ है
हाथों में गुड़ और लड्डू लिए हैं
ऐसे भगवान् की महिमा कही नहीं जाती
इस लिए उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणपति विद्या देने वाले
आपके दिव्य दर्शनके लिए मेरा मन
घूमता रहता है
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
आठ सीढियाँ जिनकी दासी हैं जो संकट के शत्रु
और विध्नों का नाश करने वाले दिव्य मूर्त
हजारों सूर्यों के समान जिनका तेज है ऐसी
छवि है जिनकी
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
जय देव जय देव, हे शुभ करने करने वाले
गणेश जी के दर्शन मात्र से ही
हमारी सारी इच्छाओ की पूर्ति हो जायेगी
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जो भगत श्रद्धा भाव से इनकी शरण में आता है
उसे संतान और सम्पति का सुख मिलता है
इस लिए आप मुझे बहुत अधिक अच्छे अगते हो
गोसावीनंदन apka din raat भजन gata है
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
जय देव जय देव, हे शुभ करने करने वाले
गणेश जी के दर्शन मात्र से ही
हमारी सारी इच्छाओ की पूर्ति हो जायेगी
जय देव जय देव