Sun Lo Vinati Daya Nidhan
सुनलो विनती दयानिधान
एक बार तो घर में पधारो
एक बार तो घर में पधारो
हे गजानन भगवान
सुनलो विनती दयानिधान
सुनलों विनती दयानिधान
एक बार तो घर में पधारो
एक बार तो घर में पधारो
हे गजानन भगवान
सुनलो विनती दयानिधान
सुनलों विनती दयानिधान
घट घट वासी अंतर्यामी
तीनों लोक के तुम हो स्वामी
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता
सारे जग के भाग्य विधाता
आओ विराजो बिच सभा में
आओ विराजो बिच सभा में
रखना हमारा मान
सुनलों विनती दयानिधान
सुनलों विनती दयानिधान
एक बार तो घर में पधारो
एक बार तो घर में पधारो
हे गजानन भगवान
सुनलो विनती दयानिधान
सुनलों विनती दयानिधान
माथे मुकुट चमक रहा है
कानो में हिरा दमक रहा है
भक्तो का दिल धड़क रहा है
मिलने को तुमसे तड़प रहा है
देर करो ना जल्दी आओ
देर करो ना जल्दी आओ
शिव गौरा के लाल
सुनलों विनती दयानिधान
सुनलों विनती दयानिधान
एक बार तो घर में पधारो
एक बार तो घर में पधारो
हे गजानन भगवान
सुनलो विनती दयानिधान
सुनलों विनती दयानिधान
बैठे है हम भजन सुनाने
हे गजानन तुमको रिझाने
अटकी नैया लगा दो किनारे
तुम हमारे हम है तुम्हारे
हाथ जोड़ के ‘अर्चू’ खड़ी है
हाथ जोड़ के ‘अर्चू’ खड़ी है