मेरे मितवा मेरे मीत रे गाने को मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गाया है। इस गाने को संगीत दिया है कल्याणजी-आनंदजी ने और मेरे मितवा मेरे मीत रे गाने के बोल आनंद बख्शी ने लिखे हैं।
Mere Mitwa Mere Meet Re Lyrics
मेरे मितवा मेरे मीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा मेरे मीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा
चाँद चकोरे की
प्रेम कहानी, प्रेम कहानी
चाँद चकोरी की प्रेम कहानी
प्रेम जगत में है सबसे पुरानी
इससे पुरानी एक कहानी
तेरी-मेरी प्रीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा
हम भी मिले थे कभी जमना किनारे
राधा-किशन थे कभी नाम हमारे
ओ फिर वो मुरलिया फिर वो पायलिया
फिर वो ही संगीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा
नाम न जानूँ तेरा देस न जानूँ
कैसे मैं भेजूँ सन्देस न जानूँ
ये फूलों की ये झूलों की
रुत न जाये बीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा
तरसेगी कब तक प्यासी नज़रिया
बरसेगी कब मेरे आँगन बदरिया
छोड़ के आजा तोड़ के आजा
दुनिया की हर रीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा, मेरे मीत रे
आजा तुझको पुकारे
मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा