O Papi Man Karle Bhajan Lyrics
Aniruddhacharya Ji Ke Bhajan
ओ पापी मन करले भजन
ओ पापी मन करले भजन
ओ पापी मन करले भजन
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
ओ पापी मन करले भजन
ओ पापी मन करले भजन
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
क्यों करता तू मेरा मेरा
क्यों करता तू मेरा मेरा
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
खाली हाथ आया है
खाली हाथ जायेगा
खाली हाथ आया है
खाली हाथ जायेगा
जैसा किया कर्म तूने
वैसा ही फल पाए गा
जैसा किया कर्म तूने
वैसा ही फल पाए गा
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
भरी जवनी जीभर के सोया
भरी जवनी जीभर के सोया
आया बुढ़ापा ते जी भर के रोया
आया बुढ़ापा ते जी भर के रोया
प्रभु की नजर से तू बच नहीं पाए गा
आये गा बुढ़ापा तो थर थर काँपे गा
आये गा बुढ़ापा तो थर थर काँपे गा
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
पाया मनुष्य दंड फिर क्यों रोया
पाया मनुष्य दंड फिर क्यों रोया
मोहमाया के मद में तू क्यों सोया
मोहमाया के मद में तू क्यों सोया
पाया है मनुष्य तन प्रभु के गुण गाए जा
पाया है मनुष्य तन प्रभु के गुण गाए जा
अपने ह्रदय को प्रभु भक्ति में लगाये जा
अपने ह्रदय को प्रभु भक्ति में लगाये जा
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
ओ पापी मन करले भजन
ओ पापी मन करले भजन
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
भरी जवनी जीभर के सोया
आया बुढ़ापा ते जी भर के रोया
प्रभु की नजर से तू बच नहीं पाए गा
आये गा बुढ़ापा तो थर थर काँपे गा
बाद में प्यारे पछताएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा