गीत – मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
गायकार – मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
संगीतकार – लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार – आनंद बख्शी
निर्देशक – मोहन कुमार
Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara Lyrics
दिल शाद था के फूल
खिलेंगे बहार में
मारा गया गरीब
इसी ऐतबार में
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता
अगर तूफाँ नहीं आता
किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता
अगर तूफाँ नहीं आता
किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता..
न था मंजूर किस्मत को
न थी मर्जी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में
कमी थी क्या नजारों की
मेरी नजरों को भी कोई
नजारा मिल गया होता
अगर तूफाँ नहीं आता
किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता..
खुशी से अपनी आँखों को
मैं अश्कों से भिगो लेता
मेरे बदले तू हँस लेती
मेरे बदले तू हँस लेती
तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द
सारा मिल गया होता
अगर तूफाँ नहीं आता
किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता.
मिली है चाँदनी जिनको
ये उनकी अपनी किस्मत है
मुझे अपने मुकद्दर से
मुझे अपने मुकद्दर से
फकत इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई
सितारा मिल गया होता
अगर तूफाँ नहीं आता
किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का
सहारा मिल गया होता.