Motivational stories for students in hindi Safalta Ka Rahasya
सफलता का रहस्य - सुकरात
प्राचीन ग्रीस के महान दार्शनिक सुकरात अपने ज्ञान और जीवन के गहरे सिद्धांतों के लिए विख्यात थे। उनके पास दुनिया भर से लोग ज्ञान प्राप्त करने आते थे। एक दिन, एक युवक उनके पास आया और बोला, "गुरुदेव, मैं जीवन में सफल होना चाहता हूँ। कृपया मुझे सफलता का रहस्य बताइए।"
सुकरात ने युवक को देखा और शांत स्वर में कहा, "अगर तुम सच में सफलता का रहस्य जानना चाहते हो, तो मेरे साथ नदी के किनारे चलो।" युवक सुकरात के साथ नदी के किनारे चल दिया। नदी के पास पहुँचते ही सुकरात ने युवक से कहा, "मेरे साथ पानी में चलो।" युवक कुछ अचंभित हुआ, लेकिन वह चुपचाप उनके साथ पानी में उतर गया। पानी धीरे-धीरे उनकी कमर तक पहुँचने लगा था। तभी अचानक सुकरात ने युवक का सिर पकड़कर पानी के भीतर डुबो दिया।
युवक पहले तो थोड़ा परेशान हुआ, फिर उसने छटपटाना शुरू किया। उसे लगने लगा कि उसका दम घुट रहा है। वह पूरी ताकत से अपने आप को पानी से बाहर निकालने की कोशिश करने लगा, लेकिन सुकरात ने उसे और भी मजबूती से पकड़े रखा। कुछ समय बाद जब युवक लगभग बेहोश होने लगा, तभी सुकरात ने उसे पानी से बाहर खींचा। युवक ने गहरी सांस लेते हुए हाँफते हुए कहा, "गुरुदेव, आपने ऐसा क्यों किया?"
सुकरात ने मुस्कुराते हुए कहा, "जब तुम पानी के नीचे थे, तो तुम्हारे मन में केवल एक ही विचार था, सही?"
युवक ने थकी हुई आवाज़ में कहा, "हाँ, मुझे केवल सांस चाहिए थी।"
सुकरात ने गंभीरता से उत्तर दिया, "यही सफलता का रहस्य है। जब तुम सफलता को पाने के लिए उतनी ही तीव्रता से तड़पोगे जितनी अभी तुमने हवा के लिए तड़पा, तभी तुम सफल हो पाओगे। जब तक तुम्हारी पूरी इच्छा और जुनून केवल सफलता की ओर केंद्रित नहीं होंगे, तब तक तुम उसे प्राप्त नहीं कर पाओगे।"
युवक ने सुकरात की बात को गहराई से समझा। उसने महसूस किया कि सफलता के लिए केवल इच्छा ही काफी नहीं होती, बल्कि इसके लिए जुनून, समर्पण और संघर्ष की आवश्यकता होती है। बिना किसी रुकावट या असफलता से डरते हुए आगे बढ़ना ही सफलता की कुंजी है।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम किसी चीज को पूरी तरह से अपनी जान की तरह चाहने लगते हैं, तभी हम उसे हासिल कर पाते हैं। यही है सफलता का रहस्य – संपूर्ण समर्पण, अविराम प्रयास और कभी न हार मानने वाला दृष्टिकोण।
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